
दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के बीच पिछली सरकार की तरह ही जंग शुरू हो सकती है। अरविंद केजरीवाल की सरकार ने महिला आयोग की अध्यक्ष बरखा शुक्ला सिंह को हटाने की जो सिफारिश भेजी है, उस पर उपराज्यपाल नजीब जंग ने सरकार से कुछ सवाल पूछे हैं। उन्होंने पूछा कि आखिर महिला आयोग को पुनर्गठित करने के प्रस्ताव के क्या कारण हैं?
महिला आयोग की अध्यक्ष का तर्क है कि अभी एक साल पांच महीने का कार्यकाल बचा है। ऐसे में जो नियम है उसके तहत नहीं हटाया जा सकता।
अरविंद केजरीवाल का कहना है कि बरखा शुक्ला सिंह कांग्रेस की नेता हैं, कांग्रेस के टिकट पर विधायक बनी हैं। फिर स्वतंत्र तरीके से काम कैसे कर सकती हैं। जब भी नई सरकार आती है तो अपनी पार्टी के लोगों को लगा देती है। यह हम भी कर सकते थे लेकिन ऐसा न करके मैत्रेयी पुष्पा का नाम प्रस्तावित करके उपराज्यपाल को फाइल भेजी है। अच्छे लोग आयोग में आएंगे तो अच्छा काम होगा। इन्हें सभी काम के कारण जानते हैं।
केजरीवाल ने साफ किया है कि वो आम आदमी पार्टी से जुड़ी हुई नहीं हैं। फिर सिर्फ एक रुपये मासिक के वेतन में काम करेंगी। दिल्ली महिला आयोग में राजनीतिक व्यक्तियों को शामिल किया गया, जिन्हें हटाना है। फिर कानून मंत्री की जहां तक बात है तो उनका कोई ट्रायल नहीं चल रहा है। उपराज्यपाल की स्वतंत्र समिति जांच कर रही है, एक एफआईआर भी दर्ज है तो फिर महिला आयोग का बुलावा तो राजनीतिक ही लगता है।
बरखा ने एलजी से मुलाकात की
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष बरखा सिंह ने बृहस्पतिवार को उपराज्यपाल नजीब जंग से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने अपने पद पर बने रहने के अधिकार व कानून मंत्री सोमनाथ भारती के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज कराने की चर्चा की।
उपराज्यपाल से मुलाकात के बाद फिर साफ किया कि उनका डेढ़ साल का कार्यकाल बाकी है और वह आगे काम करेंगी। बरखा सिंह को नियमों के मुताबिक जो होगा वह करने का आश्वासन उपराज्यपाल से मिला है।
बरखा सिंह ने 'आप' के खिलाफ गंभीर आरोप लगाते हुए एक ज्ञापन उपराज्यपाल को सौंपा है। इसमें उन्होंने कहा कि कानून मंत्री सोमनाथ भारती को समन दिए जाने के कारण उन्हें पद से हटाने की धमकी दी जा रही है। उन्होंने उपराज्यपाल से युगांडा की महिलाओं के आरोपों के आधार पर सोमनाथ भारती के खिलाफ सेक्शन 354 (छेड़छाड़), 506 (धमकाना), 509 (घूरना), 34 (एक से ज्यादा आदमी), व 153 (ए) (भड़काऊ भाषण) के तहत एफआईआर दर्ज किए जाने की मांग की है।
महिला आयोग की अध्यक्ष का तर्क है कि अभी एक साल पांच महीने का कार्यकाल बचा है। ऐसे में जो नियम है उसके तहत नहीं हटाया जा सकता।
अरविंद केजरीवाल का कहना है कि बरखा शुक्ला सिंह कांग्रेस की नेता हैं, कांग्रेस के टिकट पर विधायक बनी हैं। फिर स्वतंत्र तरीके से काम कैसे कर सकती हैं। जब भी नई सरकार आती है तो अपनी पार्टी के लोगों को लगा देती है। यह हम भी कर सकते थे लेकिन ऐसा न करके मैत्रेयी पुष्पा का नाम प्रस्तावित करके उपराज्यपाल को फाइल भेजी है। अच्छे लोग आयोग में आएंगे तो अच्छा काम होगा। इन्हें सभी काम के कारण जानते हैं।
केजरीवाल ने साफ किया है कि वो आम आदमी पार्टी से जुड़ी हुई नहीं हैं। फिर सिर्फ एक रुपये मासिक के वेतन में काम करेंगी। दिल्ली महिला आयोग में राजनीतिक व्यक्तियों को शामिल किया गया, जिन्हें हटाना है। फिर कानून मंत्री की जहां तक बात है तो उनका कोई ट्रायल नहीं चल रहा है। उपराज्यपाल की स्वतंत्र समिति जांच कर रही है, एक एफआईआर भी दर्ज है तो फिर महिला आयोग का बुलावा तो राजनीतिक ही लगता है।
बरखा ने एलजी से मुलाकात की
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष बरखा सिंह ने बृहस्पतिवार को उपराज्यपाल नजीब जंग से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने अपने पद पर बने रहने के अधिकार व कानून मंत्री सोमनाथ भारती के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज कराने की चर्चा की।
उपराज्यपाल से मुलाकात के बाद फिर साफ किया कि उनका डेढ़ साल का कार्यकाल बाकी है और वह आगे काम करेंगी। बरखा सिंह को नियमों के मुताबिक जो होगा वह करने का आश्वासन उपराज्यपाल से मिला है।
बरखा सिंह ने 'आप' के खिलाफ गंभीर आरोप लगाते हुए एक ज्ञापन उपराज्यपाल को सौंपा है। इसमें उन्होंने कहा कि कानून मंत्री सोमनाथ भारती को समन दिए जाने के कारण उन्हें पद से हटाने की धमकी दी जा रही है। उन्होंने उपराज्यपाल से युगांडा की महिलाओं के आरोपों के आधार पर सोमनाथ भारती के खिलाफ सेक्शन 354 (छेड़छाड़), 506 (धमकाना), 509 (घूरना), 34 (एक से ज्यादा आदमी), व 153 (ए) (भड़काऊ भाषण) के तहत एफआईआर दर्ज किए जाने की मांग की है।
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