
भिलाई में छत्तीसगढ़ खो-खो एसोसिएशन की राज्य टीम की महिला खिलाड़ियों से छेड़खानी के आरोप में इसके दो अधिकारियों और एक कोच को गिरफ्तार कर लिया गया है। कथित छेड़खानी की शिकार खिलाड़ियों में कई नाबालिग हैं।
भिलाई के एसपी वीरेंद्र सत्पथी के मुताबिक कथित तौर पर छेड़खानी की शिकार खिलाड़ियों ने कहा कि एसोसिएशन के जनरल सेक्रेट्री एस राजू, कोषाध्यक्ष जगबंधु जेना और कोच मुरली रेड्डी ने उन्हें अपने कमरे में बुलाया और उनके साथ छेड़खानी की। इन तीनों ने अश्लील इशारे भी किए।
मामला दर्ज होने के बाद इन तीनों को गिरफ्तार कर लिया गया। बुधवार की रात को इन लोगों के खिलाफ 11 लड़कियों ने मामले दर्ज कराए थे। इनमें से छह नाबालिग हैं।
आरोपियों को बृहस्पतिवार को एक स्थानीय अदालत में पेश किया गया। अदालत ने उन्हें 15 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
कथित तौर पर छेड़खानी की यह घटना जूनियर और सीनियर खो-खो खिलाड़ियों के नेशनल कैंप में हुई। भिलाई के सेक्टर-4 में यह कैंप लगाया गया है।
लड़कियां यहीं भिलाई स्टील प्लांट के हॉस्टल में ठहरी हुई हैं। छेड़खानी की शिकार ये लड़कियां दुर्ग, राजनांदगांव, बलोद और बेमेतारा जिले के गांवों की रहने वाली हैं।
अनुसूचित जाति और जनजाति समुदाय की ये लड़कियां पहले तो शिकायत दर्ज कराने में हिचकिचा रही थीं लेकिन बाद में उन्होंने सामूहिक तौर पर मामला दर्ज कराने का फैसला किया।
भिलाई के एसपी वीरेंद्र सत्पथी के मुताबिक कथित तौर पर छेड़खानी की शिकार खिलाड़ियों ने कहा कि एसोसिएशन के जनरल सेक्रेट्री एस राजू, कोषाध्यक्ष जगबंधु जेना और कोच मुरली रेड्डी ने उन्हें अपने कमरे में बुलाया और उनके साथ छेड़खानी की। इन तीनों ने अश्लील इशारे भी किए।
मामला दर्ज होने के बाद इन तीनों को गिरफ्तार कर लिया गया। बुधवार की रात को इन लोगों के खिलाफ 11 लड़कियों ने मामले दर्ज कराए थे। इनमें से छह नाबालिग हैं।
आरोपियों को बृहस्पतिवार को एक स्थानीय अदालत में पेश किया गया। अदालत ने उन्हें 15 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
कथित तौर पर छेड़खानी की यह घटना जूनियर और सीनियर खो-खो खिलाड़ियों के नेशनल कैंप में हुई। भिलाई के सेक्टर-4 में यह कैंप लगाया गया है।
लड़कियां यहीं भिलाई स्टील प्लांट के हॉस्टल में ठहरी हुई हैं। छेड़खानी की शिकार ये लड़कियां दुर्ग, राजनांदगांव, बलोद और बेमेतारा जिले के गांवों की रहने वाली हैं।
अनुसूचित जाति और जनजाति समुदाय की ये लड़कियां पहले तो शिकायत दर्ज कराने में हिचकिचा रही थीं लेकिन बाद में उन्होंने सामूहिक तौर पर मामला दर्ज कराने का फैसला किया।
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