भारतीय राजनयिक देवयानी खोबरागड़े की गिरफ्तारी पर भारत की ओर से कड़ा रुख अपनाए जाने के कारण अमेरिका को उन खामियों की समीक्षा करने के लिए मजबूर होना पड़ा है जिसके चलते इस हाई-प्रोफाइल केस में भारत से विवाद हुआ और द्विपक्षीय संबंध तनावपूर्ण हुए।
व्हाइट हाउस की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद, विदेश एवं न्याय विभाग समेत अमेरिका के कई विभाग इस समीक्षा में शामिल हैं। आधिकारिक सूत्रों ने बताया, 'फिलहाल इंटर-एजेंसी रिव्यू चल रहा है जिससे उन खामियों पर गौर किया जा सके, जिनके कारण यह मामला सामने आया।'
'मोदी को वीजा नहीं, तो ओबामा को भी नहीं देंगे'
सूत्रों का कहना है कि इस मामले को समझने में गलती हुई। विदेश विभाग के नेतृत्व में इंटर-एजेंसी टीम 24x7 इस पर काम कर रही है ताकि जल्द से जल्द विवाद का निपटारा हो सके। देवयानी का मामला अब न्यायपालिका में है और बहुत कुछ न्यायाधीशों पर भी निर्भर करता है।
ऐसे में न्याय विभाग और न्यूयॉर्क के दक्षिणी जिले को भी सक्रिय रूप से शामिल किया गया है। समझा जा रहा है कि रक्षा विभाग ने उस तरीके पर नाखुशी जाहिर की है, जिस तरह से इस पूरे मामले को लिया गया। पेंटागन एशिया प्रशांत क्षेत्र में अपनी नीति की समीक्षा कर रहा है और भारत इस क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण देश है।
छेड़छाड़ के आरोपी राजनयिक ने देश छोड़ा
अधिकारियों का कहना है कि ऐसे समय में अमेरिका भारत के साथ रिश्तों में किसी तरह का तनाव नहीं चाहता है। भारत की सख्त प्रतिक्रिया से अमेरिकी अधिकारी पूरी तरह से हिल गए। नई दिल्ली के कड़े तेवर पर खास तौर पर उन लोगों को यकीन नहीं हुआ, जो विदेश नीति के मामले देखते हैं।
अमेरिकी अधिकारियों ने भारत से इस तरह की कड़ी प्रतिक्रिया की उम्मीद नहीं की थी। सरकार में शामिल लोग और सांसद अब यह कह रहे हैं कि इस तरह की गिरफ्तारी से पहले अच्छा-खराब पर गंभीरता से विचार नहीं किया गया।
ओबामा प्रशासन के एक सूत्र ने कहा कि हमें महसूस हो गया है कि इसके नतीजे भुगतने होंगे। भारत ने जोर देकर कहा है कि इस तरह की गिरफ्तारी न सिर्फ विएना कनवेंशन का उल्लंघन है बल्कि भारत-अमेरिका के संबंध की उस भावना के खिलाफ है, जिसके लिए राष्ट्रपति बराक ओबामा पिछले पांच वर्षों से प्रयासरत हैं।
व्हाइट हाउस की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद, विदेश एवं न्याय विभाग समेत अमेरिका के कई विभाग इस समीक्षा में शामिल हैं। आधिकारिक सूत्रों ने बताया, 'फिलहाल इंटर-एजेंसी रिव्यू चल रहा है जिससे उन खामियों पर गौर किया जा सके, जिनके कारण यह मामला सामने आया।'
'मोदी को वीजा नहीं, तो ओबामा को भी नहीं देंगे'
सूत्रों का कहना है कि इस मामले को समझने में गलती हुई। विदेश विभाग के नेतृत्व में इंटर-एजेंसी टीम 24x7 इस पर काम कर रही है ताकि जल्द से जल्द विवाद का निपटारा हो सके। देवयानी का मामला अब न्यायपालिका में है और बहुत कुछ न्यायाधीशों पर भी निर्भर करता है।
ऐसे में न्याय विभाग और न्यूयॉर्क के दक्षिणी जिले को भी सक्रिय रूप से शामिल किया गया है। समझा जा रहा है कि रक्षा विभाग ने उस तरीके पर नाखुशी जाहिर की है, जिस तरह से इस पूरे मामले को लिया गया। पेंटागन एशिया प्रशांत क्षेत्र में अपनी नीति की समीक्षा कर रहा है और भारत इस क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण देश है।
छेड़छाड़ के आरोपी राजनयिक ने देश छोड़ा
अधिकारियों का कहना है कि ऐसे समय में अमेरिका भारत के साथ रिश्तों में किसी तरह का तनाव नहीं चाहता है। भारत की सख्त प्रतिक्रिया से अमेरिकी अधिकारी पूरी तरह से हिल गए। नई दिल्ली के कड़े तेवर पर खास तौर पर उन लोगों को यकीन नहीं हुआ, जो विदेश नीति के मामले देखते हैं।
अमेरिकी अधिकारियों ने भारत से इस तरह की कड़ी प्रतिक्रिया की उम्मीद नहीं की थी। सरकार में शामिल लोग और सांसद अब यह कह रहे हैं कि इस तरह की गिरफ्तारी से पहले अच्छा-खराब पर गंभीरता से विचार नहीं किया गया।
ओबामा प्रशासन के एक सूत्र ने कहा कि हमें महसूस हो गया है कि इसके नतीजे भुगतने होंगे। भारत ने जोर देकर कहा है कि इस तरह की गिरफ्तारी न सिर्फ विएना कनवेंशन का उल्लंघन है बल्कि भारत-अमेरिका के संबंध की उस भावना के खिलाफ है, जिसके लिए राष्ट्रपति बराक ओबामा पिछले पांच वर्षों से प्रयासरत हैं।
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