चाहे कांग्रेस दिल्ली में चुनाव हार गई हो, लेकिन कार्यकर्ताओं ने सराहनीय काम किया है। आने वाले समय में कार्यकर्ताओं को संगठन में जगह मिलेगी। जब-जब कांग्रेस सत्ता से बाहर जाती है तो नया नेतृत्व उभरता है। युवाओं और बुजुर्गों से कहूंगा, काम में जुट जाएं। जो काम करेगा, वह जमीन फाड़कर भी ऊपर आएगा।
- अरवदिंर सिंह लवली
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव जनार्दन द्विवेदी का कहना है कि दिल्ली का चुनाव कांग्रेस की नीतियां नहीं हारी हैं, बल्कि अराजकता और दुष्प्रचार से नई पार्टी जीती है।
सरकार किसी न किसी विचारधारा पर चलती है। जो नारे तात्कालिक रूप से बहुत अच्छे लगते हैं, लेकिन जिनका व्यावहारिक दर्शन नहीं होता, उनसे नहीं चलती। इनका कोई व्यावहारिक दर्शन नहीं है।
AAP-कांग्रेस पर बयान देकर बुरे फंसे गडकरी!
द्विवेदी रविवार को दिल्ली के नए प्रदेश अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली के कार्यभार संभालने के लिए आयोजित कार्यक्रम में बोले रहे थे।
केजरीवाल की कोई विचारधारा नहीं
उन्होंने कहा, 'आम आदमी पार्टी की कोई विचारधारा नहीं है। तमाम जो जीवन के क्षेत्र हैं, उनमें दृष्टि नहीं है। मैं नहीं समझता की यह कोई अच्छी स्थिति है। इससे अराजकता और अव्यवस्था तो हो सकती है, लेकिन व्यवस्था में सुधार नहीं हो सकता। कार्यकर्ताओं का उत्साह देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि प्रकृति परीक्षा ले रही है, जो काम सरकार ने किए हैं, हम संदेश नीचे तक नहीं पहुंचा सके। फिर भी हताश होने की जरूरत नहीं है।'
एक मंच पर जुटे नेता
दिल्ली की कुर्सी छिनने का असर कांग्रेस में दिखाई दिया। कार्यक्रम में पार्टी के दिग्गज नेता एक मंच पर दिखाई दिए। पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित मंच पर थीं तो अजय माकन, सज्जन कुमार, जगदीश टाइटलर, आरके धवन, कपिल सिब्बल और कृष्णा तीरथ भी मौजूद थे।
सांसद महाबल मिश्रा और रमेश कुमार ने भी नए प्रदेश अध्यक्ष को बधाई दी। सत्ता में रहने के दौरान प्रदेश कार्यालय में होने वाले कार्यक्रमों में ऐसी भीड़ देखने को नहीं मिली थी।
'मोदी को वीजा नहीं, तो ओबामा को भी नहीं देंगे'
पूर्व प्रदेश अध्यक्ष जेपी अग्रवाल बाहर होने के कारण कार्यक्रम में नहीं आए, लेकिन उनका संदेश प्रदेश अध्यक्ष को मिला। कांग्रेस के नेता भी दबी जुबान में कहते नजर आए कि सत्ता हाथ से गई तो संगठन में शक्ति दिखाई देने लगी।
सभी नेताओं ने कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ाया। शीला दीक्षित ने कहा कि युवा नेता को नेतृत्व सौंपा है तो अब पार्टी 15 साल के पुराने स्तर पर पहुंचेगी। सिब्बल ने कहा कि कार्यकर्ताओं की गलती से चुनाव नहीं हारे। गलती हमारी थी।
आप पार्टी की राह चली कांग्रेस
दिल्ली का चुनाव हारने के बाद प्रदेश कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी की राह पर चलने का फैसला किया है। लवली ने कहा है कि दिल्ली में ऐसा मैकेनिज्म तैयार करेंगे कि यूनिट अध्यक्ष न सिर्फ कांग्रेस की विचारधारा फैलाएगा, बल्कि लोगों के हक की लड़ाई भी लड़ेगा।
आप में शामिल होने पहुंचे कमाल फारूखी को वापस लौटाया
यूनिट अध्यक्ष जो आवाज उठाएंगे, वह प्रदेश कांग्रेस की होगी। सरकार बनाने के लिए जो समर्थन कांग्रेस ने दिया है, वह आप पार्टी को नहीं, बल्कि उनके घोषणा पत्र को दिया है।
अगर दिल्ली के हित का काम करेंगे तो साथ देंगे। कांग्रेस कार्यकर्ता या नेताओं के मान सम्मान के साथ समझौता नहीं करेंगे। विधानसभा के अंदर या बाहर कांग्रेस विपक्ष की भूमिका में ही काम करेगी। हम चाहे चुनाव जीते या हारें, कांग्रेस की नीतियों के साथ समझौता नहीं करेंगे।
सरकार किसी न किसी विचारधारा पर चलती है। जो नारे तात्कालिक रूप से बहुत अच्छे लगते हैं, लेकिन जिनका व्यावहारिक दर्शन नहीं होता, उनसे नहीं चलती। इनका कोई व्यावहारिक दर्शन नहीं है।
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द्विवेदी रविवार को दिल्ली के नए प्रदेश अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली के कार्यभार संभालने के लिए आयोजित कार्यक्रम में बोले रहे थे।
केजरीवाल की कोई विचारधारा नहीं
उन्होंने कहा, 'आम आदमी पार्टी की कोई विचारधारा नहीं है। तमाम जो जीवन के क्षेत्र हैं, उनमें दृष्टि नहीं है। मैं नहीं समझता की यह कोई अच्छी स्थिति है। इससे अराजकता और अव्यवस्था तो हो सकती है, लेकिन व्यवस्था में सुधार नहीं हो सकता। कार्यकर्ताओं का उत्साह देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि प्रकृति परीक्षा ले रही है, जो काम सरकार ने किए हैं, हम संदेश नीचे तक नहीं पहुंचा सके। फिर भी हताश होने की जरूरत नहीं है।'
एक मंच पर जुटे नेता
दिल्ली की कुर्सी छिनने का असर कांग्रेस में दिखाई दिया। कार्यक्रम में पार्टी के दिग्गज नेता एक मंच पर दिखाई दिए। पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित मंच पर थीं तो अजय माकन, सज्जन कुमार, जगदीश टाइटलर, आरके धवन, कपिल सिब्बल और कृष्णा तीरथ भी मौजूद थे।
सांसद महाबल मिश्रा और रमेश कुमार ने भी नए प्रदेश अध्यक्ष को बधाई दी। सत्ता में रहने के दौरान प्रदेश कार्यालय में होने वाले कार्यक्रमों में ऐसी भीड़ देखने को नहीं मिली थी।
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पूर्व प्रदेश अध्यक्ष जेपी अग्रवाल बाहर होने के कारण कार्यक्रम में नहीं आए, लेकिन उनका संदेश प्रदेश अध्यक्ष को मिला। कांग्रेस के नेता भी दबी जुबान में कहते नजर आए कि सत्ता हाथ से गई तो संगठन में शक्ति दिखाई देने लगी।
सभी नेताओं ने कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ाया। शीला दीक्षित ने कहा कि युवा नेता को नेतृत्व सौंपा है तो अब पार्टी 15 साल के पुराने स्तर पर पहुंचेगी। सिब्बल ने कहा कि कार्यकर्ताओं की गलती से चुनाव नहीं हारे। गलती हमारी थी।
आप पार्टी की राह चली कांग्रेस
दिल्ली का चुनाव हारने के बाद प्रदेश कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी की राह पर चलने का फैसला किया है। लवली ने कहा है कि दिल्ली में ऐसा मैकेनिज्म तैयार करेंगे कि यूनिट अध्यक्ष न सिर्फ कांग्रेस की विचारधारा फैलाएगा, बल्कि लोगों के हक की लड़ाई भी लड़ेगा।
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यूनिट अध्यक्ष जो आवाज उठाएंगे, वह प्रदेश कांग्रेस की होगी। सरकार बनाने के लिए जो समर्थन कांग्रेस ने दिया है, वह आप पार्टी को नहीं, बल्कि उनके घोषणा पत्र को दिया है।
अगर दिल्ली के हित का काम करेंगे तो साथ देंगे। कांग्रेस कार्यकर्ता या नेताओं के मान सम्मान के साथ समझौता नहीं करेंगे। विधानसभा के अंदर या बाहर कांग्रेस विपक्ष की भूमिका में ही काम करेगी। हम चाहे चुनाव जीते या हारें, कांग्रेस की नीतियों के साथ समझौता नहीं करेंगे।
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