पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई को भारतीय सेना की गोपनीय सूचनाएं व दस्तावेज भेजने वाले सेना के सेवानिवृत्त सूबेदार इंद्रपाल कुशवाहा को एटीएस ने रविवार की रात सदर बाजार में दबोचा है।
उसके पास से दो सीडी और एक डायरी बरामद हुई है, जिसमें सेना से जुड़ी कई अहम जानकारियां हैं। आरोपी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर सोमवार को मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया।
एटीएस के डीआईजी को सूचना मिली थी कि भारतीय सेना का सेवानिवृत्त सूबेदार लंबे समय से पाक की खुफिया एजेंसी आईएसआई को सेना के अफसरों व सैन्य प्रतिष्ठानों से संबंधित सूचनाएं पाकिस्तान भेज रहा है। इसके एवज में उसके बैंक एकाउंट में पैसा जमा किया जा रहा है।
सुराग हाथ लगने पर डीआईजी ने लखनऊ से इंस्पेक्टर तेज बहादुर सिंह के नेतृत्व में 21 फरवरी को एटीएस की एक टीम झांसी भेजी थी। 23 फरवरी यानी रविवार की शाम टीम को सूचना मिली कि इंद्रपाल सैन्य सूचनाएं आईएसआई को भेजने के लिए सदर बाजार स्थित एक साइबर कैफे आने वाला है।
सदर बाजार पहुंचते ही रात करीब 8.55 बजे एटीएस के जवानों ने आईएसआई एजेंट को दबोच लिया। उसके पास से झांसी में तैनात सैन्य अफसरों के फोन नंबर, गोपनीय कोडवर्ड व महत्वपूर्ण सैन्य प्रतिष्ठानों से जुड़े दस्तावेज मिले हैं।
इंद्रपाल मूल रूप से बांदा जिले के तिंदवारी थाना क्षेत्र के बिछावरी गांव का रहने वाला है। सेवानिवृत्ति के बाद से वह झांसी के कैंट क्षेत्र में डी-174/3 टैगोर लेन में रहता था।
उसके पास से दो सीडी और एक डायरी बरामद हुई है, जिसमें सेना से जुड़ी कई अहम जानकारियां हैं। आरोपी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर सोमवार को मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया।
एटीएस के डीआईजी को सूचना मिली थी कि भारतीय सेना का सेवानिवृत्त सूबेदार लंबे समय से पाक की खुफिया एजेंसी आईएसआई को सेना के अफसरों व सैन्य प्रतिष्ठानों से संबंधित सूचनाएं पाकिस्तान भेज रहा है। इसके एवज में उसके बैंक एकाउंट में पैसा जमा किया जा रहा है।
सुराग हाथ लगने पर डीआईजी ने लखनऊ से इंस्पेक्टर तेज बहादुर सिंह के नेतृत्व में 21 फरवरी को एटीएस की एक टीम झांसी भेजी थी। 23 फरवरी यानी रविवार की शाम टीम को सूचना मिली कि इंद्रपाल सैन्य सूचनाएं आईएसआई को भेजने के लिए सदर बाजार स्थित एक साइबर कैफे आने वाला है।
सदर बाजार पहुंचते ही रात करीब 8.55 बजे एटीएस के जवानों ने आईएसआई एजेंट को दबोच लिया। उसके पास से झांसी में तैनात सैन्य अफसरों के फोन नंबर, गोपनीय कोडवर्ड व महत्वपूर्ण सैन्य प्रतिष्ठानों से जुड़े दस्तावेज मिले हैं।
इंद्रपाल मूल रूप से बांदा जिले के तिंदवारी थाना क्षेत्र के बिछावरी गांव का रहने वाला है। सेवानिवृत्ति के बाद से वह झांसी के कैंट क्षेत्र में डी-174/3 टैगोर लेन में रहता था।
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