Tuesday, February 25, 2014

अनोखी पहलः यहां खरीदें 10रुपये में 10किताबें

New idea: buy 10 books in rupees 10
अगर ‌इस महंगाई के जमाने में कोई आपको डेढ़ रुपये में एक किताब दे दे तो। मुख्य रूप से यह छात्रों के लिए है लेकिन आम नागरिक भी इस छूट का फायदा उठा सकता है।

अगर आप बीए, बीकॉम, बीएससी, एमए, एमकॉम या एमबीए के छात्र है तो द्रोणाचार्य राजकीय कॉलेज आपके लिए शौगात लेकर आया है।

90 फीसदी की छूट पर कई नामचीन लेखकों की फिजिक्स, कैमेस्ट्री स‌हित अन्य विषयों की किताब खरीदकर ला सकते हैं। यानी महंगाई के इस दौर में दस रुपये में बैग भर कर किताब खरीदा जा सकता है। यह मौका मिल रहा है कॉलेज में आयोजित दस दिवसीय पुरानी किताबों के मेले से। जिसकी शुरुआत मंगलवार से कॉलेज की लाइब्रेरी में हुई है।

छात्रों के अलावा किताबों के शौकीनों के लिए भी हिन्दी व अंग्रेजी के पुराने जमाने की साहित्य रचना मौजूद है। सुबह से ही अनौपचारिक रुप से इसकी शुरुआत कर दी, जिसे खरीदने के लिए छात्रों की भीड़ लगी रही।

कॉलेज छात्रों के अलावा अन्य किताब प्रेमी भी लाइब्रेरी तक पहुंच रहे थे। छात्रों की पहली प्राथमिकता पाठ्यक्रम से संबंधित किताबें थी।Gurgaon book fair

दरअसल, कॉलेज छात्रों को मूल्यवान किताबें सस्ती दरों में छात्रों को उपलब्ध कराने के लिए इस तरह का मेले का आयोजन कर रहा है। इसमें 1950-70 की दशक की वो किताबें है, जिनका प्रयोग प्रोफेसर सरीखे लोग बतौर संदर्भसूची या टेक्स्ट बुक के रूप में करते थे।

अब लेखकों से अनुमति लेकर छात्रों को 90 फीसदी छूट पर बेची जा रही है। लाइब्रेरी में साइंस, कॉमर्स, हिन्दी, साहित्य व अन्य विषयों की करीब 53 सौ किताबें रखी गई है।

कुछ लोग हुए परेशान
पुस्तक मेले में रखी किताबों का विषयवार व्यवस्था नहीं होने से छात्रों समेत अन्य किताब प्रेमियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। कौन सी किताब किस विषय की कहां की रखी, इसकी कोई अनुक्रमणिका नहीं बनी हुई थी।

कुछ किताबें डेस्क पर रखी थी, तो कुछ जमीन पर रखी थी। इसकी वजह से नीचे रखी किताबों को ढूंढना परेशानी का सबब बना रहा। बाइंडिग बुक में नाम दर्ज नहीं होने से भी छात्रों को परेशान होना पड़ा।

द्रोणाचार्य राजकीय कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. आरके यादव ने बताया ‌कि अनौपचारिक रुप से पुस्तक मेले का शुभारंभ कर दिया गया है। इस दस दिवसीय पुस्तक मेले में 90 फीसदी छूट पर सभी तरह की किताबें दी जा रही है। छात्रों की रुचि बनी हुई है।

वहीं एक छात्र सकिर ने बताया ‌कि इस तरह का प्रयास सराहनीय है। कैमेस्ट्री किताब लेने आया था। डेढ़ रुपये में किताब मिल गई। बाहर 600 रुपये दाम है। इस तरह का आयोजन होते रहना चाहिए। वहीं सागर ने कहा ‌कि बायोटेक की किताबें बहुत आसानी से मिल गई। इतनी सस्ती किताबें मिलेंगी। इसकी उम्मीद नहीं थी। बीस रुपये में 12 किताबें आ गई। आज इनकी कीमत हजारों में है।

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