
सहारा समूह के प्रमुख सुब्रत राय के देश से बाहर जाने पर रोक के अपने आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने किसी भी तरह की राहत देने से साफ इंकार किया है।
सर्वोच्च अदालत ने राय के विदेश जाने पर तब तक के लिए रोक लगाई थी जब तक कि उनकी कंपनियों की ओर से निवेशकों को 22,885 करोड़ रुपए लौटाने के स्रोत की रिपोर्ट पेश नहीं की जाती।
जस्टिस केएस राधाकृष्णन की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि ऐसी स्थिति में देश से बाहर जाने की इजाजत नहीं थी जा सकती। जब तक कि सहारा समूह की दोनों कंपनियां निवेशकों को पैसा लौटाने के दावे संबंधी दस्तावेज अदालत में नहीं पेश कर देते।
पीठ ने कहा कि कंपनी निवेशकों को लौटाने के लिए कहां से पैसा लायी, इसकी जानकारी जरूरी है।
इस मामले में अदालत अपने आदेश में कोई बदलाव नहीं करेगी। साथ ही कंपनियों की आगे जांच कराने का आदेश जारी किया जाएगा।
9 जनवरी को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने चेतावनी देते हुए कहा था कि सहारा समूह 22,885 करोड़ रुपए के स्रोत का पेश करे।
समूह निवेशकों का पैसा लौटाने के दावे का स्रोत बताए या फिर सीबीआई या रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज की जांच का सामना करने को तैयार रहे।
सर्वोच्च अदालत ने राय के विदेश जाने पर तब तक के लिए रोक लगाई थी जब तक कि उनकी कंपनियों की ओर से निवेशकों को 22,885 करोड़ रुपए लौटाने के स्रोत की रिपोर्ट पेश नहीं की जाती।
जस्टिस केएस राधाकृष्णन की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि ऐसी स्थिति में देश से बाहर जाने की इजाजत नहीं थी जा सकती। जब तक कि सहारा समूह की दोनों कंपनियां निवेशकों को पैसा लौटाने के दावे संबंधी दस्तावेज अदालत में नहीं पेश कर देते।
पीठ ने कहा कि कंपनी निवेशकों को लौटाने के लिए कहां से पैसा लायी, इसकी जानकारी जरूरी है।
इस मामले में अदालत अपने आदेश में कोई बदलाव नहीं करेगी। साथ ही कंपनियों की आगे जांच कराने का आदेश जारी किया जाएगा।
9 जनवरी को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने चेतावनी देते हुए कहा था कि सहारा समूह 22,885 करोड़ रुपए के स्रोत का पेश करे।
समूह निवेशकों का पैसा लौटाने के दावे का स्रोत बताए या फिर सीबीआई या रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज की जांच का सामना करने को तैयार रहे।
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