आम आदमी पार्टी के संयोजक और मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठने जा रहे अरविंद केजरीवाल का कहना है कि वह सरकार बनने के 15 दिन के भीतर जन लोकपाल बिल पारित कर देंगे।
लेकिन यह इतना आसान नहीं है। जानकारों का कहना है कि इस बिल को पारित कराने के लिए केजरीवाल को केंद्र सरकार से मंजूरी लेने की जरूरत होगी, जो 15 दिन में मुमकिन नहीं लगता।
केजरीवाल ने दोहराया वादा
कौशांबी में बात करते हुए बुधवार को केजरीवाल ने स्वीकार किया था कि जन लोकपाल को लेकर काफी अवरोध सामने आएंगे, लेकिन आम आदमी पार्टी इन दिक्कतों को सुलझाने के लिए प्रतिबद्ध है।
नए चुटकुलों से केजरीवाल की टेंशन बढ़ी!
देश के संविधान के मुताबिक दिल्ली विधानसभा ऐसे किसी भी मुद्दे पर कानून बना सकती है, जो संविधान के नियमों का उल्लंघन न करता हो।
ब्रिटिश काल के कानून पर ऐतराज
केजरीवाल ने कहा, "लेकिन कांग्रेस कह रही है कि 2002 में ट्रांजैक्शन ऑफ बिजनेस रूल्स में संशोधन किया गया था और इसमें कहा गया है कि राज्य सरकार को किसी भी तरह का कानून बनाने से पहले केंद्र सरकार उसे उसकी इजाजत लेनी होगी।"
मुख्यमंत्री बनने के बाद शुरू होगा केजरीवाल का सत्याग्रह
उन्होंने कहा, "यह गलत है। ऐसा ब्रिटिश काल में होता था। तब भारत से जुड़े सभी प्रशासनिक फैसलों को मंजूरी के लिए लंदन भेजा जाता था। लेकिन अब हम आजाद मुल्क हैं और आम जनता सरकार बनाती है।"
जानकारों के मुताबिक, 15 दिन नाकाफी
जानकार बताते हैं कि लोकपाल बिल पारित कराने की प्रक्रिया 15 दिन में पूरा होना संभव नहीं है। इसके लिए विधानसभा का सत्र बुलाकर सबसे पहले जन लोकपाल बिल पारित कराना होगा।
अगर बिल पास हो जाता है, तो इसे उप-राज्यपाल के पास भेजा जाएगा, जो इसे और आगे गृह मंत्रालय के पास भेजेंगे। गृह मंत्रालय सलाह-मशविरा करेगा और तब इस पर फैसला लेगा।
गृह मंत्रालय के पास जाएगा बिल
उसके बाद यह वापस आएगा उप-राज्यपाल के पास आएगा, जहां इस पर फैसला होगा। यह साफ है कि आम आदमी पार्टी भले इस बिल पर अपनी तरफ से कदम बढ़ा दे, लेकिन पास कराना 15 दिन में मुमकिन नहीं है।
पार्टी के नेता संजय सिंह का कहना है कि केजरीवाल ने जो वादा किया है, उसे पूरा किया जाएगा। आम आदमी पार्टी अपनी तरफ से अपनी तरफ से जल्द से जल्द पहल कर देगी, इसके बाद प्रक्रिया पूरा होने में जो वक्त लगेगा, उतना लगना ही है।
लेकिन यह इतना आसान नहीं है। जानकारों का कहना है कि इस बिल को पारित कराने के लिए केजरीवाल को केंद्र सरकार से मंजूरी लेने की जरूरत होगी, जो 15 दिन में मुमकिन नहीं लगता।
केजरीवाल ने दोहराया वादा
कौशांबी में बात करते हुए बुधवार को केजरीवाल ने स्वीकार किया था कि जन लोकपाल को लेकर काफी अवरोध सामने आएंगे, लेकिन आम आदमी पार्टी इन दिक्कतों को सुलझाने के लिए प्रतिबद्ध है।
नए चुटकुलों से केजरीवाल की टेंशन बढ़ी!
देश के संविधान के मुताबिक दिल्ली विधानसभा ऐसे किसी भी मुद्दे पर कानून बना सकती है, जो संविधान के नियमों का उल्लंघन न करता हो।
ब्रिटिश काल के कानून पर ऐतराज
केजरीवाल ने कहा, "लेकिन कांग्रेस कह रही है कि 2002 में ट्रांजैक्शन ऑफ बिजनेस रूल्स में संशोधन किया गया था और इसमें कहा गया है कि राज्य सरकार को किसी भी तरह का कानून बनाने से पहले केंद्र सरकार उसे उसकी इजाजत लेनी होगी।"
मुख्यमंत्री बनने के बाद शुरू होगा केजरीवाल का सत्याग्रह
उन्होंने कहा, "यह गलत है। ऐसा ब्रिटिश काल में होता था। तब भारत से जुड़े सभी प्रशासनिक फैसलों को मंजूरी के लिए लंदन भेजा जाता था। लेकिन अब हम आजाद मुल्क हैं और आम जनता सरकार बनाती है।"
जानकारों के मुताबिक, 15 दिन नाकाफी
जानकार बताते हैं कि लोकपाल बिल पारित कराने की प्रक्रिया 15 दिन में पूरा होना संभव नहीं है। इसके लिए विधानसभा का सत्र बुलाकर सबसे पहले जन लोकपाल बिल पारित कराना होगा।
अगर बिल पास हो जाता है, तो इसे उप-राज्यपाल के पास भेजा जाएगा, जो इसे और आगे गृह मंत्रालय के पास भेजेंगे। गृह मंत्रालय सलाह-मशविरा करेगा और तब इस पर फैसला लेगा।
गृह मंत्रालय के पास जाएगा बिल
उसके बाद यह वापस आएगा उप-राज्यपाल के पास आएगा, जहां इस पर फैसला होगा। यह साफ है कि आम आदमी पार्टी भले इस बिल पर अपनी तरफ से कदम बढ़ा दे, लेकिन पास कराना 15 दिन में मुमकिन नहीं है।
पार्टी के नेता संजय सिंह का कहना है कि केजरीवाल ने जो वादा किया है, उसे पूरा किया जाएगा। आम आदमी पार्टी अपनी तरफ से अपनी तरफ से जल्द से जल्द पहल कर देगी, इसके बाद प्रक्रिया पूरा होने में जो वक्त लगेगा, उतना लगना ही है।
No comments:
Post a Comment