Friday, March 28, 2014

कांग्रेस और भाजपा को महिलाओं पर नहीं पूरा भरोसा!

congress and bjp has shown little faith on women
महिलाओं की बात करनेवाली देश की दोनों बड़ी पार्टियों कांग्रेस और भाजपा ने आधी दुनिया पर पूरा भरोसा नहीं दिखाया है। राजस्थान की सभी 25 लोकसभा सीटों के लिए जारी दोनों पार्टियों की टिकट पानेवालों की सूची में महिलाओं की संख्या मात्र सात है। भाजपा ने तो केवल एक ही महिला उम्मीदवार को उतारा है, वहीं कांग्रेस ने छह को।

कांग्रेस और भाजपा दोनों ही पार्टियां संसद में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण दिलाने का दावा करती हैं, लेकिन टिकट देने में कंजूसी बरतती हैं। भाजपा ने झुंझुनूं लोकसभा सीट से संतोष अहलावत को मैदान में उतारा है, जो राजस्थान में भाजपा की एकमात्र महिला उम्मीदवार हैं। कांग्रेस के हाल भाजपा के मुकाबले बेहतर हैं। कांग्रेस ने 6 सीटों पर महिलाओं को उम्मीदवार बनाया है। इनमें झुंझुनूं से राजबाला ओला, पाली से मुन्नी देवी गोदारा, जोधपुर से चन्द्रेश कुमारी, बासंवाड़ा से रेशम मालवीया, चित्तौडग़ढ़ से डॉ. गिरिजा व्यास और नागौर से ज्योति मिर्घा शामिल हैं। इनमें से तीन वर्तमान सांसद भी है। हालांकि कांग्रेस भी 33 प्रतिशत के आंकड़े को नहीं छू पाई है।

वर्ष 2009 के लोकसभा चुनावों में दोनों पार्टियों ने 8 महिलाओं को टिकट जारी किए थे। पिछली बार भी कांग्रेस की सूची में महिलाओं की संख्या अधिक थी। कांग्रेस ने पिछले लोकसभा चुनावों में 5 को जबकि भाजपा ने 3 महिलाओं को मौका दिया था। कांग्रेस ने चित्तौडग़ढ़ से डॉ. गिरिजा व्यास, झालावाड़ से उर्मिला जैन भाया, जोधपुर से चन्द्रेश कुमारी, जालौर से संध्या चौधरी और नागौर से ज्योति मिर्घा को टिकट दिया था। इनमें से तीन महिलाओं ने जीत दर्ज की थी। वहीं भाजपा ने की तीनों महिला उम्मीदवारों को हार का सामना करना पड़ा था।

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