Saturday, January 25, 2014

‘दिग्विजय की साजिश, यादव के हाथों यादव का निलंबन’

'digvijay singh is doing conspiracy'
मध्य प्रदेश कांग्रेस में अरुण यादव के अध्यक्ष बनते ही नया विवाद खड़ा हो गया है।

प्रदेश कांग्रेस ने अरुण यादव के ही करीबी और मध्य प्रदेश यादव महासभा के अध्यक्ष और प्रदेश कांग्रेस में सचिव जगदीश यादव को पार्टी से निलंबित करने का नोटिस भेज दिया है।

वहीं जगदीश यादव का आरोप है कि यह राष्ट्रीय महासचिव दिग्विजय सिंह की साजिश है। दिग्विजय ने ही एक यादव के हाथों दूसरे यादव का राजनीतिक जीवन खत्म करने की साजिश रची है।

उनका कहना है कि निलंबन की घटना से पिछड़े वर्ग में गलत संदेश जाएगा। जैसे उन्होंने पहले दूसरे प्रदेश अध्यक्षों को विफल कराया है, वैसे ही अब अरुण यादव को भी विफल कराना चाहते हैं।

जगदीश यादव ने भोपाल में शुक्रवार को अरुण यादव की अध्यक्षता में आयोजित प्रदेश कार्यकारिणी की पहली बैठक में ही चर्चा चल पड़ी कि जगदीश यादव ने दिग्विजय सिंह को पार्टी से निष्कासित करने की मांग की है।

जगदीश यादव ने खंडन भी नहीं किया। बल्कि उन्होंने कहा कि आज के दिन वे उस अशुभ व्यक्ति का नाम नहीं लेना चाहते।

जगदीश यादव ने कहा कि उन्हें निलंबन की अब तक कोई सूचना नहीं मिली है और न ही पार्टी ने अब तक उनसे कोई सफाई मांगी है। जगदीश यादव ने कहा कि उन्होंने कहीं भी दिग्विजय सिंह का नाम नहीं लिया था।

प्रदेश कांग्रेस में संगठन का काम देख रहे रामेश्वर नीखरा ने अमर उजाला से इस बात की पुष्टि की है कि जगदीश यादव के विरुद्ध निलंबन की कार्रवाई का सात दिन का नोटिस भेजा गया है।

नीखरा ने कहा कि अध्यक्ष अरुण यादव किसी भी अनुशासनहीनता को बर्दाश्त नहीं करेंगे, यह एकदम साफ है।

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने भोपाल यात्रा में ही संदेश दे दिया था कि अरुण यादव को उन्होंने अध्यक्ष बनाया है और उन्हें पूरे अधिकार दिए जा रहे हैं।

जगदीश यादव ने अमर उजाला से कहा कि वह सुभाष यादव के करीबी रहे हैं और अरुण यादव उनके भतीजे हैं। यादव ने कहा, 'उन्हें पूरा भरोसा है कि अरुण यादव ने अपने मन से यह कार्रवाई नहीं की होगी, लेकिन दिग्विजय सिंह ने अपना प्रभाव डालकर यह कार्रवाई कराई है।

दिग्विजय ने एक यादव के हाथों दूसरे यादव के राजनीतिक जीवन को खत्म करने की साजिश रची है। पूरे मामले में अरुण यादव को इस्तेमाल किया गया है। इस पूरी घटना से ओबीसी को कांग्रेस के करीब लाने के प्रयासों को भारी नुकसान पहुंचा है और दिग्विजय सिंह यही चाहते थे। उन्होंने शुक्ल बंधुओं में झगड़ा कराया था, दूसरों को भी लड़ाया और अब हम यादवों को लड़ाना चाहते हैं।'

जगदीश यादव का कहना है कि सुभाष यादव के करीबी होने के कारण दिग्विजय सिंह उनसे दुर्भावना रखते रहे हैं। 'उन्होंने मुझे कभी भी टिकट नहीं लेने दिया। मेरे निलंबन से सबसे ज्यादा नुकसान तो पार्टी को पहुंचेगा क्योंकि पिछड़े वर्ग के एक नेता को अध्यक्ष बनाकर पार्टी जो संदेश देना चाहती थी, उस मकसद को ही विफल कर दिया है।'

नीखरा का कहना है कि अभी तो नोटिस दिया गया है, यदि जगदीश यादव ने दिग्विजय सिंह का कहीं नाम नहीं लिया है तो उनका निलबंन वापस भी हो सकता है।

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