
पंजाब के जालंधर जिले से अभी-अभी एक बड़ी खबर आ रही है। दिव्य ज्योति जागृति संस्थान के आशुतोष महाराज ज्योति ज्योत समा गए हैं।
मंगलवार रात को साढ़े 12 बजे के आसपास अपना शरीर त्याग दिया। बकायदा अपोलो अस्पताल के चिकित्सकों की टीम ने उनका चेकअप किया और क्लीनिकल डेथ घोषित कर दिया लेकिन डेरा प्रबंधकों व उनके अनुयायियों का कहना है कि महाराज उच्च समाधि में लीन हैं और वह अकसर कई दिनों के लिए अपना शरीर त्यागकर चले जाते हैं और वापस आ जाते हैं। प्रशासन की तरफ से पहुंचे अधिकारियों व पुलिस को डेरे के भीतर नहीं जाने दिया गया।
नूरमहल स्थित महाराज आशुतोष जी के डेरे से मिली जानकारी के मुताबिक मंगलवार रात को साढ़े 12 बजे महाराज ध्यान में बैठे थे, उनको सांस लेने में कुछ दिक्कत हुई तो तत्काल चिकित्सकों की टीम को बुलाया गया। बकायदा चेकअप के लिए अपोलो अस्पताल के चिकित्सकों की टीम पहुंची, जिन्होंने रात को करीब ढाई बजे के आसपास चेक किया और कहा कि महाराज आशुतोष जी ब्रह्मलीन हो गए हैं।
डेरे के अंदर से यही सूचना आ रही थी कि महाराज आशूतोष गहन समाधि में है और उन्होंने सारी संगत को ध्यान करने का संदेशा दिया है। संगत डेरे में ध्यान में बैठकर जप करने लगे।
मंगलवार रात को साढ़े 12 बजे के आसपास अपना शरीर त्याग दिया। बकायदा अपोलो अस्पताल के चिकित्सकों की टीम ने उनका चेकअप किया और क्लीनिकल डेथ घोषित कर दिया लेकिन डेरा प्रबंधकों व उनके अनुयायियों का कहना है कि महाराज उच्च समाधि में लीन हैं और वह अकसर कई दिनों के लिए अपना शरीर त्यागकर चले जाते हैं और वापस आ जाते हैं। प्रशासन की तरफ से पहुंचे अधिकारियों व पुलिस को डेरे के भीतर नहीं जाने दिया गया।
नूरमहल स्थित महाराज आशुतोष जी के डेरे से मिली जानकारी के मुताबिक मंगलवार रात को साढ़े 12 बजे महाराज ध्यान में बैठे थे, उनको सांस लेने में कुछ दिक्कत हुई तो तत्काल चिकित्सकों की टीम को बुलाया गया। बकायदा चेकअप के लिए अपोलो अस्पताल के चिकित्सकों की टीम पहुंची, जिन्होंने रात को करीब ढाई बजे के आसपास चेक किया और कहा कि महाराज आशुतोष जी ब्रह्मलीन हो गए हैं।
डेरे के अंदर से यही सूचना आ रही थी कि महाराज आशूतोष गहन समाधि में है और उन्होंने सारी संगत को ध्यान करने का संदेशा दिया है। संगत डेरे में ध्यान में बैठकर जप करने लगे।
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