
दिल्ली में चौदह वर्षीय प्रेमिका से शारीरिक संबंध बनाने के मामले में आरोपी को विशेष फास्ट ट्रैक कोर्ट ने दुष्कर्म का दोषी ठहराया है।
अदालत ने कहा कि आरोपी ने पीड़िता की सहमति से संबंध बनाए थे, लेकिन तब भी वह दुष्कर्म का दोषी है। किशोरी की अनुमति की कोई अहमियत नहीं है।
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डाबड़ी थाना पुलिस ने दिसंबर 2000 में आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। आरोपी मूलरूप से बिहार के गया का रहने वाला है।
वह पीड़ित के घर किराये पर रहता था। द्वारका जिला अदालत के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश वीरेंद्र भट ने आरोपी सुरेंद्र पासवान को दोषी ठहराते हुए कहा कि उस समय लड़की की उम्र केवल 14 साल थी।
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इसलिए शारीरिक संबंध बनाने के लिए उसकी अनुमति की कोई अहमियत नहीं है। हालांकि, अदालत ने आरोपी को अपहरण के आरोपों से बरी कर दिया है।
अदालत ने कहा कि आरोपी ने पीड़िता की सहमति से संबंध बनाए थे, लेकिन तब भी वह दुष्कर्म का दोषी है। किशोरी की अनुमति की कोई अहमियत नहीं है।
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डाबड़ी थाना पुलिस ने दिसंबर 2000 में आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। आरोपी मूलरूप से बिहार के गया का रहने वाला है।
वह पीड़ित के घर किराये पर रहता था। द्वारका जिला अदालत के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश वीरेंद्र भट ने आरोपी सुरेंद्र पासवान को दोषी ठहराते हुए कहा कि उस समय लड़की की उम्र केवल 14 साल थी।
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इसलिए शारीरिक संबंध बनाने के लिए उसकी अनुमति की कोई अहमियत नहीं है। हालांकि, अदालत ने आरोपी को अपहरण के आरोपों से बरी कर दिया है।
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