Saturday, February 8, 2014

जब सपा सुप्रीमो का डॉन से हो गया सामना

intelligence fails to protect Mulayam
यह साजिश है, सियासत है या फिर सीधा सा इंटेलीजेंस फेल्योर।

शुक्रवार को जिस समय पूर्वांचल का शातिर अपराधी मुन्ना बजरंगी अपने कई सशस्त्र गुर्गों के साथ केजीएमयू की लॉरी कार्डियोलॉजी में मौजूद था, उसी समय सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव भी वहां आ पहुंचे।

न कोई एहतियात बरती गई न सुरक्षा के कोई पूर्व प्रबंध हुए। ऐसा भी नहीं है कि मेडिकल चेकअप के नाम पर मुन्ना बजरंगी के लखनऊ आने की सूचना आला पुलिस अफसरों को पहले से नहीं थी।

चार दिन पहले तीन फरवरी को जब मुन्ना बजरंगी यहां आया था तो उसके साथ ही आगरा जेल में निरुद्ध माफिया राजनेता मुख्तार अंसारी भी वहां पहुंचे थे।

चर्चा है कि दोनों के बीच काफी देर तक गुफ्तगू भी हुई। इसकी जानकारी पुलिस व खुफिया विभाग के अफसरों को थी, इसके बावजूद कोई एहतियात नहीं बरती गई।

इसके पीछे सियासी कारण हैं या कोई साजिश है या फिर अफसरों व खुफिया विभाग की लापरवाही का नतीजा है, इसका जवाब तो आला अफसर ही दे सकेंगे।

शुक्रवार सुबह करीब 11.30� बजे मुन्ना बजरंगी को लारी कार्डियोलॉजी लाया गया था। कुछ ही देर बाद वहां सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव आ पहुंचे।

मुलायम अपने परिचित जानकीपुरम निवासी वसीम सलमानी का हाल-चाल लेने आए थे। वसीम लारी कार्डियोलॉजी के आईसीयू में भर्ती हैं। आईसीयू से कुछ ही दूरी पर ओपीडी है। मुन्ना बजरंगी उसी तरफ था। उसकी अभिरक्षा में आए कई पुलिसकर्मी भी वहां मौजूद थे।

इसके साथ माफिया से मिलने उसके कई गुर्गे भी वहां पहुंचे हुए थे। इसी बीच अचानक मुलायम सिंह के आ जाने से वहां अफरा-तफरी मच गई। मुलायम सीधे आईसीयू गए और वसीम का हाल-चाल लेकर कुछ देर में ही लौट गए।

जानकारों का कहना है कि मुन्ना बजरंगी के अस्पताल आने की जानकारी लखनऊ क्राइम ब्रांच को पहले से थी और उसके कुछ सदस्य भी वहां आ पहुंचे थे।

हालांकि उन्होंने मुन्ना बजरंगी के बारे में किसी अधिकारी को सूचना दी या नहीं, इसकी पुष्टि किसी अधिकारी ने नहीं की।

लखनऊ के एसएसपी प्रवीण कुमार उस समय छतर मंजिल में थे जहां मुख्यमंत्री अखिलेश यादव एक कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे।

इसके बाद अस्पताल पर फोर्स भेजने की कवायद शुरू हुई। एसएसपी ने चौक और वजीरगंज से पुलिसकर्मियों को मौके पर भेजा।

पुलिस ने माहौल भांप कर वीडियोग्राफी भी शुरू करा दी। जिस माफिया से कुछ देर पहले तक उसके तमाम गुर्गे मिल रहे थे, उस पर पहरा बैठा दिया गया। कुछ पुलिसकर्मी मुन्ना बजरंगी के साथ तब तक अस्पताल में मौजूद रहे, जब तक उसकी सभी जांचें नहीं हो गईं।

बौखलाए अफसरों ने कहा, जांच होगी

सपा सुप्रीमो की सुरक्षा में हुई इस गंभीर चूक को लेकर अब आला अफसर बयान देने से कतरा रहे हैं।

एसएसपी लखनऊ और डीआईजी रेंज ने फोन ही नहीं उठाया तो आईजी कानून-व्यवस्था अमरेंद्र सेंगर ने इतना ही कहा कि मामले की जांच कराई जाएग़ी।

No comments:

Post a Comment