
महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र में हाल ही में भारी वर्षा और ओले गिरने से बर्बाद हुई फसल के कारण किसानों की आत्महत्या का सिलसिला जारी है। इसी कड़ी में पिछले दो दिनों में और छह किसानों ने आत्महत्या की है।
सूत्रों के अनुसार पिछले 24 फरवरी से 22 मार्च तक 20 किसानों ने आत्महत्या की है। भारी ऋण के बोझ और फसल के बर्बाद होने के कारण नांदेड जिला में चार किसानों ने आत्महत्या कर ली। आत्महत्या करने वालों में 52 वर्षीय कामा जी अंबेराव, 45 वर्षीय नंदू राठौड़, 35 वर्षीय ओमकार जुगनके और 50 वर्षीय कुंडालिक मंतालवाड शामिल हैं।
लातूर और उस्मानाबाद में 55 वर्षीय शिवाजी तंडाले व 55 वर्षीय सोजराबाई पाटिल ने आत्महत्या की। सरकार ने किसानों के लिए आर्थिक पैकेज जारी किया है, जिसमें 10 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर गैर सिंचित खेती के लिए, 15 हजार रुपये सिंचित खेती के लिए और 25 हजार रुपये बागवानी के लिए दिए जाएंगे।
सूत्रों के अनुसार पिछले 24 फरवरी से 22 मार्च तक 20 किसानों ने आत्महत्या की है। भारी ऋण के बोझ और फसल के बर्बाद होने के कारण नांदेड जिला में चार किसानों ने आत्महत्या कर ली। आत्महत्या करने वालों में 52 वर्षीय कामा जी अंबेराव, 45 वर्षीय नंदू राठौड़, 35 वर्षीय ओमकार जुगनके और 50 वर्षीय कुंडालिक मंतालवाड शामिल हैं।
लातूर और उस्मानाबाद में 55 वर्षीय शिवाजी तंडाले व 55 वर्षीय सोजराबाई पाटिल ने आत्महत्या की। सरकार ने किसानों के लिए आर्थिक पैकेज जारी किया है, जिसमें 10 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर गैर सिंचित खेती के लिए, 15 हजार रुपये सिंचित खेती के लिए और 25 हजार रुपये बागवानी के लिए दिए जाएंगे।
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