
हवाला से जुड़े एक मामले में अब तक की एक सबसे बड़ी कार्रवाई करते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने वाईएसआर कांग्रेस के नेता जगन मोहन रेड्डी और उनके सहयोगियों की 863 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर ली है।
यह मामला आंध्र प्रदेश में आधारभूत संरचनाओं के निर्माण में भ्रष्टाचार से जुड़ा है। एजेंसी ने जगन और निम्मागड़ा प्रसाद को अलग से नोटिस जारी किया है।
जगन के पिता स्वर्गीय राजशेखर रेड्डी के मुख्यमंत्री रहते समय इनकी कंपनियों पर आंध्र प्रदेश की तत्कालीन सरकार से लाभ लेने का आरोप है।
ईडी ने हवाला रोकथाम कानून के तहत 2012 में इस मामले में सीबीआई की एफआईआर के आधार पर एक आपराधिक मुकदमा दायर किया था।
ईडी की जांच में कहा गया है कि इस सौदे में दोनों पक्षों के बीच सहमति थी और इनके बीच अवैध धन का हस्तांतरण हुआ।
इसमें यह भी कहा गया है कि जगन और उनके साझेदारों की कंपनियों को तत्कालीन सरकार ने भारी मात्रा में सरकारी जमीन देने के अलावा स्टांप शुल्क, रजिस्ट्रेशन और अन्य शुल्कों में रियायत दी गई।
यह मामला आंध्र प्रदेश में आधारभूत संरचनाओं के निर्माण में भ्रष्टाचार से जुड़ा है। एजेंसी ने जगन और निम्मागड़ा प्रसाद को अलग से नोटिस जारी किया है।
जगन के पिता स्वर्गीय राजशेखर रेड्डी के मुख्यमंत्री रहते समय इनकी कंपनियों पर आंध्र प्रदेश की तत्कालीन सरकार से लाभ लेने का आरोप है।
ईडी ने हवाला रोकथाम कानून के तहत 2012 में इस मामले में सीबीआई की एफआईआर के आधार पर एक आपराधिक मुकदमा दायर किया था।
ईडी की जांच में कहा गया है कि इस सौदे में दोनों पक्षों के बीच सहमति थी और इनके बीच अवैध धन का हस्तांतरण हुआ।
इसमें यह भी कहा गया है कि जगन और उनके साझेदारों की कंपनियों को तत्कालीन सरकार ने भारी मात्रा में सरकारी जमीन देने के अलावा स्टांप शुल्क, रजिस्ट्रेशन और अन्य शुल्कों में रियायत दी गई।
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